• picरीढ़ 33 कशेरुकाओं से बनी है। हर दो कशेरुकाओं के बीच कुशन जैसी डिस्क होती है जो झटके सोखती है और गतिशीलता में मदद करती है। डिस्क बाहरी मजबूत रिंग (Annulus) और अंदर जेल जैसे पदार्थ (Nucleus) से बनती है।
  • picडिस्क का पदार्थ बाहर निकलकर स्पाइनल कैनाल में नसों पर दबाव डालता है तो कमर/नितंब/पैर में दर्द, सुन्नपन, चलने में कठिनाई होती है (सायटिका)।

जब डिस्क का हिस्सा स्पाइनल कैनाल में जाकर नसों को दबाता है तो स्लिप डिस्क/हर्निएटेड डिस्क होता है। इससे कमर/नितंब/पैर में दर्द और सुन्नपन होता है—इसे सायटिका भी कहते हैं।

  • picस्पाइनल स्टेनोसिस/स्लिप डिस्क से नस दबने पर कमर से पैर तक जाने वाला दर्द और सुन्नपन—इसे सायटिका कहते हैं।
  • picस्पाइन क्लिनिक मुंबई और गोरेगांव में अनुभवी स्पाइन विशेषज्ञों की टीम द्वारा इसका उपचार उपलब्ध है।
  • picडिस्क डीजनरेशन → डिस्क बुल्ज/प्रोलैप्स → एक्सट्रूज़न → सीक्वेस्ट्रेशन (न्यूक्लियस का बाहर आना)।
  • picखराब पोस्टर, कमज़ोर मांसपेशियाँ, अचानक वजन उठाना/मुड़ना, चोट/आघात, उम्र-संबंधी बदलाव प्रमुख कारण हैं।
  • picकभी मंद, कभी तेज कमर दर्द; पीठ जकड़ना/लॉक होना; सुबह जकड़न; पैर में दर्द/सुन्नपन/झनझनाहट; चलने में कठिनाई।
  • picगर्दन की डिस्क होने पर बाँह/हाथ में फैलता दर्द (रैडिक्यूलोपैथी)।
  • picदुर्लभ पर गंभीर: आंत्र/मूत्र नियंत्रण में कमी (कौडा इक्वाइना), पैर में कमजोरी/फुट-ड्रॉप—आपातकालीन सर्जरी आवश्यक।
  • picस्पाइन विशेषज्ञ द्वारा क्लिनिकल जाँच, एक्स-रे और MRI—डिस्क की ग्रेडिंग/नस पर दबाव जानने के लिए।

अधिकांश मरीज दवाइयों/फिजियोथेरेपी/इंजेक्शन से ठीक होते हैं। सर्जरी तब आवश्यक जब दर्द/कमजोरी बढ़े, या आंत्र/मूत्र नियंत्रण में कमी हो।

  • picदवाइयाँ – NSAIDs/मसल रिलैक्सेंट/आदि
  • picगर्म सेंक/ठंडी सिकाई
  • picफिजियोथेरेपी (TENS, अल्ट्रासाउंड, हाइड्रोथेरेपी सहित)

उपचार शुरू करने से पहले स्पाइन विशेषज्ञ से परामर्श आवश्यक है।

फिजियोथेरेपी से दर्द में राहत, मांसपेशियों की मजबूती और पुनरावृत्ति की रोकथाम—विशेषज्ञ की निगरानी में।

माइक्रोएंडोस्कोपिक डिस्केक्टॉमी/MIS डिस्क सर्जरी—छोटे चीरे, कम दर्द, बिना बेड रेस्ट के जल्दी वापसी।

  • pic24–48 घंटों में डिस्चार्ज, 2 हफ्तों में सामान्य कार्यों में वापसी (डॉक्टर की सलाह अनुसार)।

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