• picस्पाइनल फ्यूजन सर्जरी एक सुरक्षित और सरल प्रक्रिया है जो अस्थिर और दर्दयुक्त रीढ़ सेगमेंट में दर्द कम करने के लिए की जाती है। अस्थिरता के सबसे आम कारणों में स्पॉन्डिलोलिस्थेसिस (एक हड्डी का दूसरी पर खिसकना, जिससे नसों पर दबाव और पीठ/नितंब/पैर का दर्द व चलने पर सुन्नपन) और स्पाइनल स्टेनोसिस (डीजनरेशन के कारण नसों पर दबाव) शामिल हैं।
  • picअस्थिरता को स्थिर करने के लिए सर्जन डिस्केक्टॉमी (बीमार/घिसी डिस्क निकालना) के बाद डिस्क स्पेस में बोन ग्राफ्ट लगाते हैं, और टाइटेनियम पेडिकल इम्प्लांट्स व केज लगाकर हड्डियों को स्थिर करते हैं—इसे ही स्पाइनल फ्यूजन कहते हैं।
  • picयह सर्जरी स्पॉन्डिलोलिस्थेसिस, स्पाइनल टीबी, स्पाइनल स्टेनोसिस, ट्रॉमा और ट्यूमर आदि स्थितियों में की जाती है।
  • picस्पाइनल फ्यूजन ओपन तकनीक या मिनिमली इनवेसिव (MIS) तकनीक से किया जा सकता है। MIS में छोटे चीरे, कम दर्द/रक्तस्राव, जल्दी अस्पताल से छुट्टी और जल्दी सामान्य कार्यों में वापसी के लाभ मिलते हैं।
  • picलम्बर स्पाइनल स्टेनोसिस की सर्जरी सुरक्षित और सरल है। हर केस में फ्यूजन आवश्यक नहीं होता। जब स्टेनोसिस के साथ अस्थिरता भी हो—यानी नसों के दबाव के अलावा उस सेगमेंट में दर्दयुक्त असामान्य हरकत हो—तभी फ्यूजन सुझाया जाता है।
  • picउद्देश्य: नसों का डिकंप्रेशन और उस सेगमेंट की अनावश्यक हरकत कम करना। खासकर स्पॉन्डिलोलिस्थेसिस (एक कशेरुका का दूसरी के सापेक्ष आगे खिसकना) में सहायक।

डॉ. विशाल कुंडनानी—मुंबई के प्रमुख स्पाइन सर्जन—स्पॉन्डिलोलिस्थेसिस में स्पाइनल फ्यूजन नियमित रूप से करते हैं।

  • picहाँ। स्पाइनल फ्यूजन में प्रयुक्त टाइटेनियम इम्प्लांट जैव-संगत और शरीर के लिए सुरक्षित होते हैं। प्रशिक्षित स्पाइन सर्जन द्वारा नियंत्रित तरीके से लगाए जाने पर ये समस्या नहीं करते।
  • picसुरक्षा बढ़ाने के लिए ऑपरेशन के दौरान IITV (एक्स-रे), नेविगेशन और रोबोटिक्स का उपयोग किया जाता है।

डॉ. विशाल कुंडनानी स्पाइन नेविगेशन सर्जरी/रोबोटिक सर्जरी के अग्रणी हैं और मरीजों के लिए सर्जरी को अधिक सुरक्षित बनाते हैं।

  • picअस्थिर हड्डियों की अनावश्यक हरकत कम करने के लिए पहले डिकंप्रेशन व डिस्केक्टॉमी की जाती है; फिर डिस्क स्पेस में बोन ग्राफ्ट/केज डाला जाता है और पेडिकल स्क्रू-रॉड सिस्टम से स्थिर किया जाता है—इसे स्पाइनल फ्यूजन कहते हैं।
  • picस्पाइनल इम्प्लांट (पेडिकल स्क्रू, प्लेट्स/रॉड्स, केज) का लगाना एक सुरक्षित प्रक्रिया है।
  • picऑपरेशन के दौरान IITV/नेविगेशन/रोबोटिक्स से सुरक्षा और सटीकता बढ़ाई जाती है।

डॉ. विशाल कुंडनानी—नेविगेशन/रोबोटिक स्पाइन सर्जरी में प्रशिक्षित—स्पाइनल फ्यूजन में इन तकनीकों का उपयोग करते हैं।

  • picस्पाइनल फ्यूजन ओपन तकनीक या मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी तकनीक (MIS-TLIF) से किया जा सकता है। MIS-TLIF के लाभ: कम दर्द/रक्तस्राव/संक्रमण, छोटे चीरे, जल्दी अस्पताल से छुट्टी, बेड रेस्ट की आवश्यकता नहीं, और जल्दी काम पर वापसी।

डॉ. विशाल कुंडनानी—मुंबई के अग्रणी मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जन—माइक्रोस्कोपिक/रोबोटिक तकनीक के साथ स्पाइनल फ्यूजन करते हैं।

स्पॉन्डिलोलिस्थेसिस: एक कशेरुका का दूसरी के सापेक्ष आगे खिसकना—जिससे रीढ़ अस्थिर/दर्दयुक्त हो जाती है, और चलने-फिरने पर पीठ/नितंब/पैर में दर्द व सुन्नपन होता है।

  • picखिसकी हुई हड्डियों को साथ लाकर स्थिर/दर्दमुक्त करना—इसे ही स्पॉन्डिलोलिस्थेसिस के लिए स्पाइनल फ्यूजन कहते हैं।
  • picयह ओपन तकनीक या मिनिमली इनवेसिव तकनीक, दोनों से किया जा सकता है।
  • picMIS-TLIF के लाभ: छोटे चीरे, कम मसल डैमेज, कम दर्द/रक्तस्राव, जल्दी डिस्चार्ज, जल्दी काम पर लौटना, बेड रेस्ट की जरूरत नहीं।

डॉ. विशाल कुंडनानी द्वारा स्पॉन्डिलोलिस्थेसिस के लिए मिनिमली इनवेसिव स्पाइनल फ्यूजन नियमित रूप से किया जाता है।

वे नेविगेशन/रोबोटिक स्पाइन सर्जरी में विशेषज्ञ हैं और गोरेगांव, कंदीवली, मालाड में सेवाएँ उपलब्ध हैं।

अपने डॉक्टर से समस्या, संभावित समाधान और (जरूरत पड़ने पर) सर्जरी सहित हर विकल्प के फायदे/जोखिम समझें।

  • picसर्जरी प्लान होने पर अस्पताल में रहने/डिस्चार्ज की योजना पहले से बनाएँ।
  • picअच्छा पोषण बनाए रखें—इम्यून सिस्टम के लिए ज़रूरी।
  • picडॉक्टर की सलाह से संतुलित आहार/विटामिन लें।
  • picकमज़ोर मांसपेशियाँ/कम कार्डियो-फिटनेस रिकवरी धीमी करती हैं—उचित व्यायाम कार्यक्रम शुरू करें। आवश्यक जाँच (ह्रदय/फेफड़े) करा लें।
  • picवजन अधिक है तो कम करने की कोशिश करें।
  • picधूम्रपान छोड़ें—रिकवरी/घाव भरने में बाधा डालता है।
  • picडॉक्टर की उपचार योजना का पालन करें और नियमित फॉलो-अप रखें। सुधार न हो तो तुरंत बताएँ।

मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी से जल्दी रिकवरी होती है—अधिकांश मरीज 24 घंटे में चल पाते हैं। माइक्रोएंडोस्कोपिक/मिनिमली इनवेसिव फ्यूजन के साथ आमतौर पर बेड रेस्ट की जरूरत नहीं होती और जल्दी काम पर वापसी संभव होती है।

सर्जरी के बाद 24 घंटे में बिस्तर से चलाया जाता है, दर्द की दवाएँ कुछ दिन चलती हैं, और सामान्य सावधानियाँ बताई जाती हैं। कई मरीज 48 घंटे में घर जा सकते हैं और लगभग 2 सप्ताह में दैनंदिन कार्यों में लौटते हैं (कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स 6–10 सप्ताह बाद)।

ध्यान रखें:

  • picडॉक्टर की उपचार योजना का पालन करें
  • picसही तरह बैठें/खड़े हों और पोस्टर बनाए रखें
  • picवजन उठाने की सही तकनीक सीखें
  • picनियमित व्यायाम करें (लो-इंपैक्ट एरोबिक्स लाभकारी; पहले डॉक्टर से पूछें)
  • picस्वस्थ बॉडी वेट बनाए रखें
  • picसंतुलित आहार लें (लो-फैट, फल-सब्ज़ी से भरपूर) और पर्याप्त कैल्शियम लें
  • picधूम्रपान बंद करें

डॉ. विशाल कुंडनानी मिनिमली इनवेसिव/माइक्रोएंडोस्कोपिक स्पाइनल फ्यूजन में विशेषज्ञ हैं और नेविगेशन/रोबोटिक तकनीकों का उपयोग करते हैं।


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