स्कोलियोसिस में रीढ़ की हड्डी पार्श्व दिशा में मुड़ जाती है, जिससे सामने/पीछे से देखने पर "S" या "C" आकार दिख सकता है। स्वस्थ रीढ़ सामने/पीछे से सीधी दिखती है और साइड से ऊपरी हिस्से में स्वाभाविक गोलाई तथा निचले हिस्से में हल्का अंदर की ओर घुमाव दिखता है।
एक अग्रणी स्कोलियोसिस सर्जन के रूप में, डॉ. विशाल कुंदनानी जटिल स्पाइनल विकृतियों के उन्नत सुधार में विशेषज्ञ हैं और व्यापक मूल्यांकन से लेकर सर्जिकल करेक्शन तक समग्र देखभाल प्रदान करते हैं।
जन्मजात (Congenital): जन्म के समय मौजूद हड्डी की असामान्यता।
न्यूरोमस्कुलर: मांसपेशी/नस संबंधी रोग जैसे सेरेब्रल पाल्सी आदि।
डीजेनेरेटिव (एडल्ट): उम्र के साथ हड्डियों का घिसना, ऑस्टियोपोरोसिस, चोट/पुरानी सर्जरी के कारण।
इडियोपैथिक: सबसे सामान्य प्रकार, कारण अज्ञात पर आनुवंशिक प्रवृत्ति की संभावना।
अक्सर किशोरावस्था (10–16 वर्ष) में पहचाना जाता है। लड़कियों में अधिक आम। गंभीर कर्व (>40°) पर सर्जरी पर विचार किया जाता है। कई मामलों में बढ़त रुकने पर स्थिर हो जाता है।
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Dr. Vishal Kundnani is one of the best spine surgeons in Mumbai, India, known for his expertise in advanced spinal treatments and minimally invasive spine surgery.
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